**जयद्रथ** महाभारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पात्र है। वह **सिंधु देश का राजा** था और **दुर्योधन की बहन दुशला** का पति था। आइए इसके जीवन और महाभारत में भूमिका को विस्तार से समझें: --- ### **परिचय** - **पिता का नाम** – वृधाक्षत्र (सिंधु नरेश) - **पत्नी** – दुशला (दुर्योधन की बहन) - इस प्रकार जयद्रथ कौरवों का बहनोई और पांडवों का साला (भ्रातृ-इन-लॉ) था। --- ### **महाभारत में भूमिका** #### 1. **द्रौपदी हरण प्रसंग (हरणाहरणपर्व)** - पांडव वनवास के समय द्रौपदी के साथ रहते थे। - एक दिन जब पांडव बाहर थे, जयद्रथ वहाँ आया। - द्रौपदी के सौंदर्य पर मोहित होकर उसने उसे बलपूर्वक रथ पर बैठाकर हरण कर लिया। - पांडवों ने पीछा कर जयद्रथ को पकड़ लिया। - भीम उसे मारना चाहते थे, पर युधिष्ठिर के कहने पर केवल उसका **मुण्डन कर अपमानित कर दिया गया** और जीवित छोड़ दिया। - यही घटना जयद्रथ के मन में पांडवों के प्रति गहरा वैर पैदा करती है। --- #### 2. **कुरुक्षेत्र युद्ध में भूमिका** - जयद्रथ ने युद्ध में कौरवों का साथ दिया। - **तेरहवें दिन** जब चक्रव्यूह की रचना हुई, तब अभिमन्यु ने उसमें प्रवेश किया। - जयद्रथ ने वीरता से युद्ध कर अन्य पांडवों को चक्रव्यूह में प्रवेश करने से रोक दिया। - इससे अभिमन्यु अकेला रह गया और कौरवों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। - इस कारण अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली – > _"मैं कल सूर्यास्त से पहले जयद्रथ का वध करूँगा, अन्यथा अग्नि में प्रवेश कर प्राण त्याग दूँगा।"_ --- #### 3. **जयद्रथ वध** - अगले दिन अर्जुन ने अद्भुत पराक्रम दिखाकर जयद्रथ का वध किया। - भगवान कृष्ण ने सूर्यास्त का मायावी भ्रम उत्पन्न किया, जिससे कौरव प्रसन्न हो गए और जयद्रथ बाहर आ गया। - तब अर्जुन ने दिव्यास्त्र से उसका शिर काटकर उसके पिता की गोद में गिरा दिया। - यह घटना युद्ध के निर्णायक मोड़ में से एक मानी जाती है। --- ### **जयद्रथ का महत्व** - उसकी वजह से अभिमन्यु का वध हुआ, जो पांडवों के लिए अत्यंत दुखद था। - अर्जुन का क्रोध और प्रतिज्ञा युद्ध में पांडवों के मनोबल को और मजबूत कर गई। - जयद्रथ की मृत्यु के बाद कौरवों की सैन्य शक्ति काफी कम हो गई। Country:: [[सिंधु देश]] का राजा